Amount | |
Calories | 43 |
Water | 88 % |
Protein | 1.6 g |
Carbs | 9.6 g |
Sugar | 6.8 g |
Fiber | 2.8 g |
Fat | 0.2 g |
Saturated | 0.03 g |
Monounsaturated | 0.03 g |
Polyunsaturated | 0.06 g |
Omega-3 | 0.01 g |
Omega-6 | 0.06 g |
Trans fat | ~ |
चिचिन्डा कम कैलोरी युक्त तथा पोषक तत्वों से भरपूर आहार होता है। इसके एंटी-डायबिटिक(मधुमेह रोधी) और एंटी-ओबेसिटी(मोटापा रोधी) गुणों के कारण इसका सेवन वजन घटाने में और शरीर में शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में बहुत सहायक होता है, इसलिए चाइनीस डाइट में चिचिन्डा को शुगर नियंत्रण के लिए एक उपयुक्त आहार माना जाता है। चिचिन्डा में फास्फोरस, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स की प्रचुर मात्रा के अलावा फाइबर भी उच्च मात्रा में पाया जाता है। जिसमें मैग्नीशियम शरीर के कार्यों के उचित संचालन में सहायता करता है, और विभिन्न एंजाइमों का निर्माण करता है। इस में उपस्थित फास्फोरस आरएनए और डीएनए में पाया जाता है तथा हड्डियों को मजबूत बनाने व हृदय की गति को संतुलित व नियंत्रण में रखने में कैल्शियम बहुत उपयोगी होता है।
चिचिन्डा में प्रचुर मात्रा में पोटेशियम उपस्थित होता है जो हृदय और मस्कुलर फंक्शन को उचित प्रकार से कार्य करने में सहायता करता है। यह शरीर में ब्लड सरकुलेशन में भी वृद्धि करके धमनी से संबंधित रोगों को कम करने में उपयोगी होता है। चिचिन्डा का प्रयोग रक्तवाहनियों को आराम देकर, घबराहट को कम करने में सहायक होता है, इसलिए उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) के लिए व हृदय स्वास्थ्य से संबंधित रोगों में चिचिन्डा को उत्तम भारतीय औषधि के रूप में जाना जाता है।
चिचिन्डा का सेवन गंजेपन की समस्या को रोकने का एक उत्तम तरीका है। गंजापन एक स्कल्प विकार (डिसऑर्डर) होता है, जिसके कारण सिर के बाल गुच्छों (पैच्स) में झड़ने लगते हैं। यह बीमारी ऑटोइम्यून होती है, जिसके कारण पूर्ण रूप से या आंशिक गंजेपन की समस्या होती है। चिचिन्डा का सेवन बालों की जड़ों को, पर्याप्त पोषण प्रदान करके, उन्हें मजबूत बनाने में सहायक होता है, ताकि पुनः बालों में वृद्धि हो सके और वे ना झड़े। चिचिन्डा का प्रयोग रूसी या डैंड्रफ की समस्या से निजात पाने में भी उपयोगी होता है। यह सिर के बालों को दोबारा उगाने या विकसित करने और रूसी की समस्या से मुक्ति दिलाने में काफी सहायक होता है, क्योंकि यह इस स्कैल्प को पर्याप्त नमी प्रदान करता है, जिसके कारण रूसी डैंड्रफ की समस्या में कमी होने लगती है।
चिचिन्डा का सेवन सांसो के कई विकारों में बहुत उपयोगी होता है। इस में उपस्थित एक्सपेक्टोरैंट युक्त गुण के कारण, यह हमारे शरीर से बलगम को गलाकर व ढीला करके शरीर से निष्कासित करने के कार्य में सहायक होता है। एक्सपेक्टोरैंट के गुण के कारण यह हमारे श्वसन प्रणाली को साफ करता है। इस चिचिन्डा में उपस्थित फाइटोकेमिकल्स हमारी सांसो को तरोताजा बनाते हैं।चिचिन्डा एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक भी है, जो इस में उपस्थित एक्सपेक्टोरैंट वाले गुण के कारण, हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा तंत्र) के उचित कार्य को सुगमतापूर्वक, सुचारू ढंग से कार्य करने में सहायता करता है। हमारी सांसों में बदबू की समस्या में कच्चे चिचिन्डा को 20 मिनट चबाने पर यह समाप्त हो जाता है।
चिचिन्डा का सेवन हमारे लिवर की सफाई में उपयोगी होता है, जिस से मूत्र- विसर्जन के द्वारा शरीर में उपस्थित हानिकारक व विषाक्त पदार्थ बाहर निष्कासित हो जाते हैं। यह चिचिन्डा शरीर में उपस्थित फ्लूड (तरल द्रव) में भी वृद्धि करता है, जोकि डिहाइड्रेशन और रूखेपन की समस्या को दूर करने में सहायक होता है। शरीर में होने वाले पैत्तिक ज्वर की वजह से, डायरिया, उल्टी आदि की आशंका रहती है, जिसके कारण शरीर में डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) और उससे उत्पन्न अन्य जानलेवा समस्याएं हो जाती हैं। तब इनके लिए चिचिन्डा का सेवन पैत्तिक व आंतों के ज्वर का सबसे उपयोगी तरीका होता है। चिचिन्डा को शहद और धनिया पत्ती के साथ मिलाकर सेवन करने से, शरीर के उच्च तापमान और उसके द्वारा उत्पन्न अन्य परेशानियों को समाप्त करने में मदद मिलती है।